Monday, 22 January 2018

मज़हबी सीख

धर्म के नाम पे लड़ने वालों ,
बुरा ना मानों ऐ  दुनियाँवालों 
कैसा ये 'धर्म की राह 'और
कैसी ये 'सीख '. 
बचपन में जो सिखाया  _ 
" तू हिंदू बनेगा ना मुसलमान बनेगा , "
उसी कदमों पे हम चले थे
ना मालूम था कि मुर्शीद के सीख की
नींव इतनी कमज़ोर थी कि
इक हवा के झोंके ने
अल्फाज के मायने ही बदल डाले .
अब तो वर्षों की सीखी हुई बातों से
खुद को तो जुदा कर गये , पर
दिल में अब भी  वो सीख बाँकी है .
सुना था , इतिहास खुद को दुहराती है,
आज हम उसी दोराहे पे खड़े हैं , जहाँ
मेरे लिये मुर्शीद  की पदवी है और
शागिर्द मेरे सामने है .
फ़िर उसे सीख बतानी है और
उसके सामने फ़िर वही ज़माना है . .
@ Ajha . 22. 01. 1

Mursheed - guide
शागिर्द - स्टूडेंट , deciple

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