Sunday, 9 October 2016

जय माँ अम्बे

"जय माँ जगदम्बे "
----- ---------------- 
खूब जमा है दरबार माँ
आशीर्वादों से भरा
तेरा दरबार माँ
इक अजीब समां है बंधा
सुंदर है तेरी मूरत
हर कोई में बसी तेरी सूरत
हर कोई भक्त तेरा
भक्ति में तेरे है डूबा हुआ
तेरे दरवार में
दिखा ना आज कोई सवाली
जिधर भी गई नज़र
है बस खुशहाली ही खुशहाली
नाचे-गाये है सब मिलकर
बच्चे और नर-नारी
तेरा ऐसा जादू माँ
ना सोच ना फ़िक्र है कल की
मैया हम सब मिलकर मांगे
ऐसा एक वरदान दो
मिलकर हम सब एक रहें
हर एक दिन त्योहारों सा हो
सब का इस धरती पर
कल्याण हो.
@Ajha.31.03.17
स्वरचित:अपर्णा झा

No comments:

Post a Comment