Monday, 29 February 2016

कवि मित्र

हम housewives के लिये सप्ताहंत के दिन weekdays के रुप में होते हैं जहाँ office goer members of the family holiday enjoy करते हैं , उस holiday को सुंदर बनाना हम house wives का काम होता है . पर इन gaps में मित्रों की शिकायतें बढ़ जातीं हैं. जैसा की एक मित्र ने फरमाया _

" जल रहा है हिन्द वो बेखबर , उसे तो बस अपनी शोहरत चाहिए_ "

इसमें मेरा जवाब तो लाजिमी है _

" यहाँ आशियां बुनते - बुनते गुज़र रही हैं शामों शहर
और एक हुजूर हैं जिन्हें हर बात में शोहरत नज़र आती है "
@ Ajha 28. 02. 16

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