Wednesday, 21 March 2018

मेरी कविता (अंतरराष्ट्रीय कविता दिवस)

अंतराष्ट्रीय कविता दिवस
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"मेरी कविता"

जीवन का  उद्गम
जीवन का अंत
और इसके बीच एक काल चक्र

जीवन लंबा भी
जीवन कभी छोटा भी
और तय हुआ जाता एक सफ़र

जीवन एक सपना भी
कभी तमन्ना भी
और इसी उम्मीद में तय होती जिंदगी

जीवन एक ध्येय भी
जीवन एक श्रेय भी
और इसी को पूरा करती हुइ एक उम्र

जीवन कभी टूटता भी
जीवन कभी बिखरता भी
और इसी तोड़ – जोड़ में बीता पल

जीवन शब्दों का सागर
भावनाओं से भरा गागर
और यही है सब जमा पूँजी 

मेरी कविताएँ 
जो कुछ भी ना माँगे
बस इक अदद कोरा काग़ज़
जो मेरी सारी बातों को लिख जाये
अपर्णा झा 21.03.16
(कुछ पुरानी याद)

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