तस्वीर में मुस्कुराते ये बच्चे
सौ टका शुद्ध खरा सोना हो जैसे
ख्वाहिशों का इन्हें पता नहीँ
तकदीर से जुड़ी कुछ ये जानते नहीँ
इक ज़रा मुस्कुराकर बाहें जो फैला दी हमने
एक साथ कई सितारे जगमगा गये हों जैसे
खिलौने खेलने की उम्र में
खिलौने बेचते ये बच्चे
माँ की विवशताओं मे पले ये बच्चे
एक और बच्चे को गोद में लिये बच्चे
अक्षर का ज्ञान हो ना बेशक इन्हें
अखबार और विदेशी किताबों को
बेचते ये बच्चे
काश कि इन मुस्कुराते बच्चों पर
इतना तो करम हो जाता
कुछ को पढ़ा देते
कुछ को खिला देते
किस्से कहानियों से चंदा मामा से मिला देते
कई ख्वाबों को आकार मिल जाता
हमें भी अपना खुदा मिल जाता
बुतख़ाने ,मस्जिद तो शायद दूर भी
हों
चलो इन्हीं बच्चों में अपने अपनी
मुस्कुराहट ढूँढ लायें
अपने खुदा से मिल आयें.
@Ajha.04:06:16
@manjula verma thakur ,your photo and photography _ excellent.
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