Friday, 26 August 2016

विरासत के धरोहर

                   " सांस्कृतिक विरासत के धरोहर "
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                  आखिर पहुँच ही गई मैं मोदीजी के कर्मभूमि पर और उनके प्रिय विषय "बनारसी
बुनकरों "तक. कला संस्कृति में मेरी रूचि ने मुझे जिन माहिर कलाकारों और कारीगरों से मिलवाया है मैं दावे के साथ कह सकती हूँ कि पुराने जमाने के तपस्वियों से मुलाक़ात तो नहीं हुई परन्तु आज के  जमाने में तपस्वियों का रूप मैंने इन्हीं में देखा है. ऐसी कारीगरी, छवि एक फ़कीर-सी, बातें करो तो एक निश्छल सी मुस्कान चेहरे पर और नहीं तो अपनी तपस्या में रमें  हैं ये लोग.
                    वाकई आज जब बनारस के इन बुनकरों और मालिकों से मिली तो पता लगा की इन बुनकरों का जीवन इतना आसान नहीं होता जितनी आसानी से ये हमसे मुस्कुरा कर मिल जाते. एक कमरा जिसमें हस्तकरघा लगा होता , ना कोई शाही बैठक और रौशनी भी ठीक उतनी ही जो इनके काम को अंजाम देदे. इसी धुंधली सी रौशनी के आलम में नित्य अपने कारीगरी से कला को जन्म देना और उसे परवान चढ़ाना, कितनी खूबसूरत और दिलकश सी लगती ये बातें पर इसके पीछे की सच्चाई भी उतनी ही कड़वी.
                आंकड़ों और सहयोग कि बातों को में ना पड़ते हुए इससे परे हमें इस सच्चाई को जानना पडेगा कि इतनी बारीक काम करने में कारीगरों की कम उम्र में ही आँखों की रौशनी घटा देती है और रीढ़ की हड्डी एवं पसलियों को रोगग्रसित कर देती है इस कारण यह बहुत दिनों तक काम करने लायक नहीं रहते. जो पैसा इन्हें मालिकों से मिलता है उसके जीवन यापन योग्य नहीं होता और इस कारण इनके बच्चे पलायनवाद की राह पर हैं.विरासत में मिली कला ,गरीबी की मार और भौतिकटावाद की प्रतिस्पर्धा के आगे अपनी साँसे गिनें क्या यह उचित होगा. ऐसे कारीगर जिनकी लगन और मेहनत से हमारी सांस्कृतिक विरासत विश्व पटल पर हमेशा से गौरवान्वित होते रही है क्या इन्हें लोगों का समर्थन और सरकार की सीधी छत्र-छाया(जहाँ बिचौलिए या मालिकों का इन्हें मुँह देखना ना पड़े) नहीं मिलनी चाहिए ताकि हमारी कला ,कलाकार, और कारीगर स्वछन्द हो ख़ुशी से साँसें ले सके.
                मोदी सरकार ने कदम तो उठायें हैं, पर इतने दिनों की बदहाली के बाद मन हमेशा शंकित रहता है कि आशा के सपने देखने के बाद कहीं फिर से वो कराह ना निकले_
  "थी मुझे जिनसे वफ़ा की उम्मीद, वो नहीं जानते वफ़ा क्या है"_
        ---  मिर्ज़ा ग़ालिब
 
@Ajha. 26.08.16
Copyright @Aparna Jha
Photo and vedeo @Ajha, Aparna Jha.

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