Saturday, 1 August 2015

दोस्ती

दोस्ती
एक विश्वास है ,
एक उल्लहास है ,
एक परवाज़ है ,
एक मुस्कान है और ,
थोड़ी- सी छेड़खान है .
दोस्ती
एक खुला आसमान है
हरियाली है ,
खुशहाली है .
दोस्त जिसके साथ है
फ़िर उसे डरने की ,
ना कोई बात है .
ना फ़िर कभी
उसका वनवास है ,
ना फ़कीरी है ,
ना रुस्वाई है .
दोस्ती
एक हकीकत है ,
ना कि फ़साना .
गद्दारी जिसने की ,
दोस्ती को उसने कब पहचाना .
ताक़ते- दोस्ती तो देखिये_
तारीख़  बदल जाते हैं ,
हालात बदल जाते हैं ,
जज्बात बदल जाते हैं ,
खयालात बदल जाते हैं .
नित्य लोगों से मिलना ,
ये दोस्तों की निशानदेही तो नहीँ .
लोग आते हैं
चले जाते हैं .
दिल में जो बैठ गया
वही दोस्त कहलाते हैं

No comments:

Post a Comment