Wednesday, 19 August 2015

लौ

फ़िर तेरी कहानी याद आयी ,
फ़िर अपना ज़माना याद आया .
जुदा तुम भी ना थे ,
जुदा हम भी ना थे .
जिंदगी के जद्दोजहद में _
जुदा तुम भी हुए ,
जुदा हम भी हुए .
ये तो एक लौ है  बाँकी ,
जिससे हम तुझ से बँधे ,
तुम हमसे बँधे .
_ _ _ _ _ _ Aparna jha .
ये फोटो संध्या सिंह के timeline से ली गयी है .

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