"तुम्ही तो हो......"
तुमसे मिलना जीवन मिलना
तुम ही मेरे जीवन का आधार सखि
जीवन देखा ,प्यार मिला ,है तुझ पर
मेरा अधिकार ,तुम्ही मेरा घर-बार सखि
मेरे नैना ,कैसे नैना स्वप्न तुम्हारे ही देखे हैं
नैनो की तुम ज्योति, तुम्ही मेरा संसार सखि
सोच तेरी मन में मेरे शीतल जल सा,अमृत
जल सा,मैं नदिया तूँ है मेरा धार सखि
धूप है तीखी झुलस रहा सर्वस्व,तेरा होना
छाँव वृक्ष की और उसके पर प्रहार सखि
तुफानो में डूब रही थी मेरी नैया,ले हाथों
में पतवार, तुम्ही तो थे मेरे खेवनहार सखि
माया मोह है दुनिया,ठगों से भरी पड़ी
झंझावातों से भरे मन का तुम्ही तो सरकार सखि
मेरी आदत तेरी आदत मुझको है स्वीकार
तूँ ही तो हो मेरा अलंकार सखि
ख्वाब मेरे तुम ,चाह मेरे तुम ,तुम से है सरोकार
बसे हुए हो मन में मेरे ,जीवन का है तूँ सार सखि.
@Ajha.10.02.17
©अपर्णा झा.
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