Saturday, 25 August 2018

रक्षा बंधन की शुभकामनाएं

रक्षाबंधन की शुभकामनाएं.

कितने ही दुआओं में पल रही है
जिंदगी,ये कायनात
याखुदा!सबों को खुशियां अता कर
अता कर.
पुरनूर हैं जहाँ, चांदनी से,सरे जा को
रौशनी अता कर.
तस्सवुर में है तस्वीरे जाना की,हरकिसी को
हकीक़त अता कर.
हकीकत भी यूँ जलवागर हो,नसीब इतराये
वो तिलस्म अता कर.
दीदाये खुशनसीबी भी यूँ हो,पैर जमीं को
परवाज आसमान अता कर.
तेरी राहों पर बिख जाऊं गीली बन की
हर जर्रे में तूँ ही तूँ दिखे,ऐ परवरदिगार!
वो नज़र अता कर.
तेरी याद,तेरी आवाज़,तेरा दीदाये कायनात
हरदम,हर घड़ी लब पे रहे
वो ताक़त अता कर.
तेरी सोच,तेरी इनायत हो मेरी मिलकियत हो
ना हो जिंदगी में कोई तन्हाई
वो सबब जिंदगी की अता कर.
बस तूँ,तूँ और तूँ ही रहे,यही जिंदगी,
जिंदगी,जिंदगी रहे
मेरे मौला यही प्यार और
वो कशिश अता कर,
अता कर.
अपर्णा झा

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