नई आशा , मान - सम्मान लिये , जाग उठा इंसान . फ़िर जहाज से तुझे , अलग हो जाना होगा और , 'जहाज का पंछी ' साँझ पड़े , फ़िर जहाज में आना होगा . __ _ _ _ इसी आशा के साथ सुप्रभात .
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