यदि किसी की पत्नी कवि हो जाय ,
उस घर का हाल कोई बताय .
पत्नी तो हो जाय कवि ,
पति को कविता समझ ना आय .
और फ़िर बहाने दस बनाय .
पति आँखें लाल दिखाय , जब
खाने में नमक ना पाय और स्वादविहीन हो जाय समय पर भोजन ना मिल पाये क्योंकि ,
कविता की कोई पंक्ति याद आ जाय .
समय पर कोई मूल काम बिसराय,
तब घर में तांडव खूब मच जाय .
ऑफिस से घर आने में घबराय
कि कहीँ पत्नी चाय के बदले
कोई नई कविता ना सुनाय.
मेरी जैसी पत्नी के लिये
है कोई जतन तो बताय .
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