आत्मा तो शाश्वत है ,.
चेतना का ही असर हो .
भौतिकतावाद में हमने चलन देखे
साधुओं और सन्तों की बढ़त देखे
काला बाजारी और काला धन देखे
बेईमानी के धन से दान - पुण्य लेने का अवसर है ,
अब तू इसे जिस तरह से देखे _
आओ ज़रा तेरी भी राहे- चिंतन - मनन देखें .
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