मैं कहीँ नहीँ थी तो वो मैं थी हर बात की गवाह मैं थी , जो होना था वो मैं थी , जो ना होना था वो भी मैं ही थी विलीन भी वीरान भी , फ़िर भी बात वहीँ की वहीँ _ " मैं कही नहीँ " . शुभ रात्रि .
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